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Datia Ratangarh Fair News: 6-Nov-2021 , दतिया जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर रतनगढ़ माता मंदिर पर लक्खी मेले में आज हजाराें की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। शुक्रवार की शाम से ही श्रद्धालुओं का मंदिर पहुंचना शुरू हो गया था। भाईदूज मेले पर आयोजित लक्खी मेले में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शनाें के लिए पहुंचे हैं। इस बार की विशेषता यह है कि रतनगढ़ माता मंदिर पहुंच मार्ग का पुल टूटे होने से नदी पर पुलिस विशेष सतर्कता बरत रही है, ताकि कोई हादसा ना हो। दो गांवो के नागरिकों का आवागमन भी प्रतिबंधित कर रखा है। रात्रि दो बजे सेवढ़ा सिंध पुल पर इसके चलते आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके साथ ग्वालियर से अतिरिक्त पुलिस बल भी शुक्रवार शाम को ही तैनात कर दिया गया। मंदिर में भारी संख्या में भूत बाधा से ग्रस्त एवं सर्पदंश से पीड़ित लाेग भी पहुंचे थे।
रतनगढ़ माता मंदिर पर सुबह श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखते ही बनता था। काेराेनाकाल के दाैरान मेले काे स्थगित रखा गया था, इसलिए इस बार जब मंदिर में मेले का आयाेजन हुआ ताे भक्ताें की भीड़ टूट पड़ी। पुलिस के लिए भी भीड़ काे कंट्राेल करना खासा मुश्किल हाे रहा था। इस दौरान दो गांव मरसैनी बुर्जग एवं भगुआपुरा मार्ग पर आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है।
नवंबर 13, 2020 20:40
इस साल यह मेला 15 से 17 नवम्बर तक आयोजित होना था, लेकिन जिला प्रशासन ने शासन के निर्देशानुसार वर्तमान में कोरोना वायरस(कोविड-19) के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए रतनगढ़ माता मंदिर पर आयोजित होने वाला मेला प्रतिबंधित किया है।
दतिया। जिल के प्रसिद्ध रतनगढ़ माता-मंदिर में हर साल दीपावली की दूज के अवसर पर आयोजित होने वाला तीन दिवसीय मेला इस साल नहीं लगेगा। जिला प्रशासन ने इस साल कोरोना के चलते इस मेले पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, रतनगढ़ माता मंदिर पर प्रतिवर्ष दीपावली की दूज पर तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें मध्यप्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
इस साल यह मेला 15 से 17 नवम्बर तक आयोजित होना था, लेकिन जिला प्रशासन ने शासन के निर्देशानुसार वर्तमान में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए रतनगढ़ माता मंदिर पर आयोजित होने वाला मेला प्रतिबंधित किया है। दतिया कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश शासन गृह मंत्रालय के आदेशानुसार प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर मेलों के आयोजन को प्रबंधित किया गया है। साथ ही उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन में जनसमुदाय के स्वास्थ्य की रक्षा को दृष्टिगत रखते हुये आयोजन किया जाना जनहित में नहीं है। इसीलिए इस मेले पर प्रतिबंध लगाया गया है।जिला प्रशासन ने मेले में आने वाले लोगों से अपील की है कि कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। संक्रमण से बचने के लिए 15 से 17 नवम्बर तक रतनगढ़ पहुंचने के कार्यक्रम स्थगित कर मंदिर दर्शन अगली तिथि में करें। कोरोना संक्रमण को देखते हुए दतिया जिले की सीमाओं से लगे जिले एवं अन्य प्रांतों के जिला प्रशासन द्वारा रतनगढ़ मेले में जाने वाले वाहनों केा रोकने का कार्य किया जाएगा। जिला प्रशासन ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि माता रानी की आराधना अपने घरों पर ही लाइव दर्शन www.ratangarhmata.in लिंक के माध्यम से करें।
रतनगढ़ पर लगा आस्था का मेला
Bhaskar News Network | Apr 14, 2019, 07:05 AM IST
सेंवढ़ा। नगर में स्थित प्राचीन राजराजेश्वर माता मंदिर, काली माता मंदिर एवं पुराने सेंवढ़ा में स्थित शीतला माता...
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सेंवढ़ा। नगर में स्थित प्राचीन राजराजेश्वर माता मंदिर, काली माता मंदिर एवं पुराने सेंवढ़ा में स्थित शीतला माता मंदिर पर शनिवार को काफी भीड़ रही। नगर की महिलाओं ने इन तीनों माता मंदिरों पर जाकर नौ दिन से जारी उपवास की समाप्ति पूजा अर्चना कर की। वहीं रतनगढ़ माता मंदिर पर भी काफी भीड़ रही। एसपी दतिया ने रतनगढ़ मंदिर पर दिन में कैंप किया तथा श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर तैनात पुलिस कर्मियों का भी हाल जाना।
शनिवार को अष्टमी एवं नवमी पर्व एक साथ मनाया गया। सुबह से ही महिलाओं का रुख प्राचीन देवी मंदिरों की तरफ हो गया। माता पूजन की परंपरा का निर्वहन करने के लिए मंदिर पहुंचे भक्तों ने कन्या पूजन एवं कन्या भोज भी करवाए। प्राचीन शीतला माता मंदिर जो कि नगर से तीन किलोमीटर दूर स्थित है पर भी काफी संख्या में लोग पहुंचे। धूप बढ़ने के साथ लोगों की संख्या कम हुई पर शाम 4 बजे अचानक बादल छा गए। मौसम के इस परिवर्तन ने मंदिरों में एक बार फिर रौनक ला दी। दिन भर धार्मिक अनुष्ठान हवन पूजन का दौर जारी रहा। रतनगढ़ माता मंदिर पर भी शनिवार को काफी रौनक रही। दूर दराज से आए भक्तों ने माता के दर्शन किए। हालांकि दोपहर में तेज धूप ने श्रद्धालुओं को हलकान किया। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी दिन भर मंदिर परिसर एवं पुल के समीप तैनात रहे। शाम होते ही भक्तों की टोलियां आना प्रांरभ हो गईं। शनिवार रविवार पूरी रात मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों का आना जारी रहेगा। रविवार को सुबह से जवारे चढ़ाने का दौर प्रारंभ होगा। अनुमान के अनुसार रविवार को एक लाख से अधिक श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे। इनकी व्यवस्था के लिए बृहद प्रशासनिक व्यवस्थाएं की गईं है। एसडीओपी नरेंद्र सिंह गहरवार एवं एसडीएम राकेश परमार के अलावा तहसीलदार सुनील भदोरिया, नायब तहसीलदार मयंक अवस्थी एवं थाना प्रभारी अतरेटा यतेंद्र सिंह भदौरिया पूरे समय रतनगढ़ पर मौजद रहे।
रतनगढ़ माता मंदिर पर लख्खी मेला शुरू, बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे Fri Nov 09 07:46:15 IST 2018
दतिया/ सेंवढ़ा। रतनगढ़ माता मंदिर पर लख्खी मेला गुरुवार सुबह से शुरु हो गया। शाम 5 बजे तक 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां रतनगढ़ वाली के दर्शन किए। श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर पर पहुंचने का क्रम लगातार जारी है।जिला प्रशासन ने रतनगढ़ माता मंदिर पर दौज मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं व सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। पूरे मेला परिसर को 42 सेक्टरों में बांटकर अलग अलग सेक्टर में प्रभारी नियुक्त् किए गए है। 17 वाहन पार्किंग बनाई गई है। पेयजल, प्रकाश व्यवस्था के माकूल इंतजाम है। मेला परिक्षेत्र में सीसी कैमरों से पूरे मेले की निगरानी की जा रही है। मेले की व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारी भी मेला परिसर में कैम्प किए हैं।
मेले में श्रद्धालुओं की टोलियां सुबह से पहुंचने लगी है। शहर में जगह जगह रतनगढ़ वाली माता के श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद काउंटर व चाय नास्ता का इंतजाम पांच सैकड़ा से अधिक समाज सेवी संगठनों द्वारा माता मंदिर तक पहुंचने के लिए सभी रास्तों पर मंदिर से 200 कि मी. पहले से किए गए हैं। पूरी रात प्रसाद काउंटरों पर श्रद्धालुओं को नि:शुल्क प्रसाद की व्यवस्था रहेगी। इस बीच माता के भजन गाते, नाचते व जयकारे लगाते श्रद्धालुओं की टोलियां व उनकी वेशभूषा लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र भी बन रही है।दरअसल पैदल चलने वाले जत्थे अपने-अपने कस्बों एवं ग्रामों से दीपावली की पूजा के बाद ही निकल पड़े हैं। सर्वाधिक भीड़ पड़वा एवं दौज की मध्य रात्रि में होती है। मेले में बीते वर्ष 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन करने का दावा प्रशासन ने किया था। इस बार भीड़ अधिक बड़ने की संभावना है। मेले को लेकर देश भर में आस्था और रोमांच का माहौल रहता है।
सर्पदंश पीडित हो जाते है पूर्ण स्वस्थ, इसलिए माता मंदिर पर दौज मेले में जुटती है लाखों की भीड़ रतनगढ़ माता मंदिर पर दीपावली की दौज को सर्पदंश पीडितों के बंध कटते हैं। यहां दीपावली की पूजा के बाद यानि पड़वा से लोगों के पहुंचने का क्रम शुरु हो जाता है। मान्यता है कि अंचल में जब भी किसी को कोई जहरीला सर्प अथवा जहरीला जीव काट ले तो पीडित को रतनगढ़ माता के नाम से बंध लगा दिया जाता है। बंध लगते ही पीडित व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। पर दीपावली की दौज पर उसे रतनगढ़ माता मंदिर आना पड़ता है।मंदिर से ठीक पहले सिंध नदी से गुजरते ही पीड़ित अचेत हो जाता है और उसके मुंह से झाग निकलने लगता है। अचेत अवस्था में पीडित को परिजन कंधे पर अथवा स्ट्रेचर से मंदिर लाते है। उसे देवी मां के दर्शन करवा कर कुंअर बाबा मंदिर की परिक्रमा दिलाई जाती है और कहा जाता है कि वहां लगे पेड़ों के झाड़ उसके शरीर से लगते ही वह हमेशा के लिए स्वस्थ हो जाता है। सदियों से इस प्रक्रिया को देखने लाखों लोग आते हैं।
मेले की व्यवस्थाओं में 3 हजार कर्मचारी अधिकारी तैनात
रतनगढ़ माता मंदिर पर दीपावली की दौज पर दो दिन चलने वाले मेले में मध्य प्रदेश के अलावा यूपी, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। रतनगढ़ मंदिर पर पिछले कुछ सालों में हादसे हो चुके हैं, इसी कारण आसपास के जिलों के अफसर पिछले 7 दिन से रतनगढ़ मेले के लिए होमवर्क कर रहे हैं। मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग ने 1500 जवान अन्य जिलों से एवं 1000 जवान दतिया जिले से तैनात किए हैं। जिला प्रशासन ने 500 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। मेला परिक्षेत्र में श्रद्धालुओं के वाहन खड़े करने 17 पार्किंग स्थल बनाए गए है। दो दिन पहले वन विभाग को दिखा था बाघ, प्रशासन ने की अपील जंगल के रास्ते से न जाए श्रद्धालु प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह मंदिर पहुंचने के लिए जंगल के रास्तों का उपयोग न करें, मुख्य मार्ग से ही जाएं। यहां सेंवढ़ा वन क्षेत्र में दो दिन पहले बाघ दिखाई दिया था। इसके बाद प्रशासन ने मंदिर आने वाले लोगों को अलर्ट जारी कि या है। रेंजर आनंद कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक बाघ की लोकेशन वाले स्थानों पर सुरक्षा कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। इसके बाद भी खमरोली, डिरोलीपार व अन्य जगह के लोग मंदिर तक आने के लिए जंगली रास्ते का उपयोग न करें। मेले में आने वाले लोग घने जंगल की ओर न जाएं। रेंजर ने श्रद्धालुओं से सिंध नदी में नहाते वक्त भी सावधानी बरतने को कहा है। रेंजर के मुताबिक पुल के आस पास ही स्नान करें। दूर जाने पर उन्हें मगरमच्छ मिल सकते हैं।
इनका कहना है
मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं, मेला परिक्षेत्र में पेयजल, साफ सफाई, स्वास्थ्य सुविधा के अलावा सिंध नदी में बोट भी उलब्ध रहेंगी।
राकेश परमार, एसडीएम सेंवढ़ा
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा सर्वोपरि है। स्थल निरीक्षण कर पूरा नक्शा तैयार किया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। 2 हजार से अधिक जवान एवं 50 से अधिक पुलिस अधिकारी मेले की पूरी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। नरेंद्र सिंह गहरवार, एसडीओपी सेंवढ़ा
रतनगढ़ माता मंदिर पर चढ़ा, देश का सबसे बड़ा घंटा
October 13, 2018 Ratangarh Mata Temple
दतिया। विंध्याचंल पर्वत श्रृखंलाओं के पर्वत पर, सिंध नदी के किनारे बियावान जंगल में विराजमान मां रतनगढ़ का दरबार, श्रृद्धालुओं की आस्था से कई वर्षों से रोशन हैं। दतिया जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर रतनगढ़ माता का मंदिर (Ratangarh Mata Temple) है। आदिकाल से मन्नत पूरी होने पर मां के दरबार में घंटा चढ़ाये जाने की परंपरा है। प्रतिवर्ष हजारों घंटे मां के दरबार में चढ़ाये जाते है। इसी श्रृद्धाभाव के तहत डकैतों ने भी यहां पर बडें-बडें घंटे चढ़ाये हैं। नवरात्रि एंव दीपावली की दूज पर यहां विशाल मेला लगता है। नवरात्रि के दिनों में यहां पर लाखों श्रृद्धालु माता के दर्शन के लिए आते है।
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